Latest Updated : February 2024
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NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 3 दीवानों की हस्ती
Class 8 Hindi Chapter 3 दीवानों की हस्ती
प्रश्न-अभ्यास
कविता से
1. कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?
उत्तर- कवि ने अपने आने को उल्लास इसलिए कहता है क्योंकि जहाँ भी वह जाता है मस्ती का आलम लेकर जाता है। वहाँ लोगों के मन प्रसन्न हो जाते हैं।
पर जब वह उस स्थान को छोड़ कर आगे जाता है तब उसे तथा वहाँ के लोगों को दुःख होता है। विदाई के क्षणों में उसकी आखों से आँसू बह निकलते हैं।
2. भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटाने वाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?
उत्तर- कवि ने अपने आप को भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटाने वाला कवि इसलिए कहा क्योंकि उसने पूरी दुनिया को प्यार दिया मगर उसे बदले में कुछ नहीं मिला जिसके कारण वह दुखी है और कह रहा है कि यह दुनिया कितनी क्रूर है जो सिर्फ लेना जानती है देना नहीं। वह समझता है कि प्यार और खुशियाँ लोगों के जीवन में भरने में असफल रहा। दुनिया अभी भी सांसारिक विषयों में उलझी हुई है। कवि इस स्थिति से निराश है।
3. कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?
उत्तर- कविता के अंदर अनेक ऐसी बातें हैं जो मुझे अच्छी लगीं
– कविता में बेफिक्र तथा मस्त जीवन जीते हुए दूसरे की खुशियों को ध्यान में रखने का संदेश दिया गया है।
– सुख-दुख को समानभाव से ग्रहण करने की प्रेरणा मिलती है।
– कविता में अभावग्रस्त लोगों में खुशियाँ बाँटकर उनका दुख दूर करने की बात कही गई है, इससे एकता, समानता, प्रेम तथा सद्भाव में वृद्धि होगी।
कविता से आगे
1. जीवन में मस्ती होनी चाहिए, लेकिन कब मस्ती हानिकारक हो सकती है? सहपाठियों के बीच चर्चा कीजिए ।
उत्तर- जीवन में मस्ती होनी चाहिए, लेकिन कभी-कभी अधिक मस्ती करने से हानि हो सकती है। जब हम बहुत ज्यादा मस्ती में लिप्त हो जाते हैं, तो हमारी कामयाबी पर असर पड़ सकता है और हम अपने कर्तव्यों को नहीं पूरा कर पाते। हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि हमारी मस्ती दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है, इसलिए हमें संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए। हमें सही मात्रा में मस्ती करनी चाहिए और अपने कामों को भी ध्यान में रखना चाहिए।
अनुमान और कल्पना
1. एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि “हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।“ दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्त्व दिया है कि “मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।“ यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं उन्हें ध्यानपूर्वक पढि़ए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं?
उत्तर- कविता में परस्पर विरोध प्रकट करने वाली पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं –
(i) आए बनकर उल्लास अभी,
आँसू बनकर बह चले अभी। (उल्लास और आँसू साथ साथ)
(ii) जग से उसका कुछ लिए चले,
जग को अपना कुछ दिए चले, (कुछ लेना और देना एक साथ)
(iii) दो बात कही, दो बात सुनी;
कुछ हँसे और फिर कुछ रोए। (हँसना व रोना एक साथ)
कविता का शीर्षक ‘दीवानों की हस्ती’ है। दीवाना शब्द स्वयं में विरोधाभासी है। उनका व्यवहार स्वच्छंद होता है। अपना कुछ खो जाए या दूसरे का कुछ ले लें, उनको फर्क नहीं पड़ता। इसलिए, कविता में विरोधाभासी बातें की गयी हैं।
भाषा की बात
1. संतुष्टि के लिए कवि ने ‘छककर’ ‘जी भरकर’ और ‘खुलकर’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। इसी भाव को व्यक्त करनेवाले कुछ और शब्द सोचकर लिखिए, जैसे- हँसकर, गाकर।
उत्तर- मस्ती, नाचकर, तृप्ती, तस्सली, संतोष, प्रसन्नता, खुशी I
Summary
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